कैलिफोर्निया
अमेरीका
9 दिसंबर 2017
8 दिसंबर, 2017 को, कन्नड़ समाचार चैनल समया टीवी के प्रमुख रिपोर्टर रंगनाथ भारद्वाज और कलावती भारद्वाज को संयुक्त राज्य अमेरिका के न्यायालय ने मानहानि और षड्यंत्र का दोषी पाया। परम पूज्य परमहंस नित्यानंद और उनके अमरीका मिशन के बारे में झूठी खबरों को प्रसारित करने के लिए संयुक्त राज्य न्यायालय ने समया टीवी, के मुख्य रिपोर्टर रंगनाथ भारद्वाज और कलावती भारद्वाज पर 50 लाख डॉलर का जुर्माना लगाया। अमरीकी न्यायालय ने पूर्ण परीक्षण के बाद बाल योन शोषण के कई मामलों में आरोपी विनय भारद्वाज को दोषी ठहराया था तथा उसे 4.75 साल की जेल की सजा सुनाई गई। झूठे “समाचार” कवरेज के माध्यम से – यह घोषित करते हुए कि विनय भारद्वाज “निर्दोष” था, झूठ को फैलाने का एक प्रयास किया गया| यह माननीय न्यायलय की मानहानि एवं अवमानना है |
सार्वजनिक समाचार चैनल पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित किए गए ये बयान , अदालत की गंभीर अवमानना थे और स्वामी नित्यानंद जी के खिलाफ झूठे, दुर्भावनापूर्ण तथा अपमानजनक बयान थे।
संयुक्त राज्य अमरीका न्यायालय ने समया टीवी और कार्यक्रम के मेजबान रंगनाथ भारद्वाज और सहभागिता कलावती भारद्वाज की इस अत्यधिक तिरस्कारपूर्ण हरकत के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।
लाइफ ब्लिस फाउंडेशन तथा समया टीवी, आरएसएम ब्रॉडकास्टर्स प्राइवेट लिमिटेड, रंगनाथ भारद्वाज और ए.वी. कलावती भारद्वाज (केस नंबर: सीआईवीआरएस 1410615, कैलिफोर्निया के सुपीरियर कोर्ट में दायर सेन बर्नान्दिनो काउंटी ) का यह मामला जनवरी 2014 में अपमानजनक और दुर्भावनापूर्ण झूठी खबरों के प्रसारण के बाद दर्ज किया गया था।
विनय के भारद्वाज के बारे में:
विनय के भारद्वाज को बच्चे के बलात्कार का दोषी ठहराया गया और जेल की सजा काटने के बाद संयुक्त राज्य अमरीका की अदालत ने एक नाबालिग के खिलाफ साथ उसके आक्रामक दुष्कृत्यों के कारण भारत उसे लौटने का आदेश दिया | फिलहाल वह संयुक्त राज्य अमरीका के न्यायालय द्वारा शासित तथा 16 अक्तूबर, 2017 को मैसूर में प्रिंसिपल वरिष्ठ न्यायाधीश और सीजेएम के माननीय न्यायालय द्वारा बरकरार रखे गए $ 500,000 के फरमान के मामले में फरार है |
विनय के. भारद्वाज ब्लैकमेलिंग, धोखाधड़ी और षड्यंत्र के मामले में मुख्य षड्यंत्रकारियों में से एक है, जिसके खिलाफ इलेवन मेट्रोपॉलिटन कोर्ट, सैदापेट चेन्नई में मुकदमा चला रहा है। 2010 में स्वामी नित्यानंद के खिलाफ षड्यंत्रकारी लेनिन करुप्पन द्वारा दायर झूठे मामले में विनय के. भारद्वाज भी साक्षी है। 7 दिसंबर, 2017 को, भारत की माननीय सुप्रीम कोर्ट ने झूठे बलात्कार के पीड़ित होने और झूठे गवाह देने पर, तथा साजिशकर्ता लेनिन करुप्पन के प्रति महत्वपूर्ण सबूतों के जानबूझकर दमन करने के आरोप में विनय भारद्वाज के विपक्ष में और परमपूज्य परमहंस नित्यानंद जी के पक्ष में कड़ा निर्णय लिया।
इन सबूतों में निम्न सबूत शामिल हैं:
2004 से 2009 तक तथाकथित बलात्कार पीड़ित आरती राव की मेडिकल रिपोर्ट जिसमें दिखाया गया है कि वह 4 अत्यधिक संक्रामक और असाध्य एसटीडी से ग्रस्त है , जिनमें से कुछ केवल स्पर्श द्वारा संचरित होती हैं| 2009 के मध्य में लिखा खुद आरती राव का ईमेल जिसमे उसने मन है की उसका कभी स्वामी नित्यानंद के साथ शारीरिक सम्बन्ध नहीं था| कथित रूप से बलात्कार की घटनाओं की तारीखों और स्थानों में विसंगतियों के कई सबूत| स्वामी नित्यानंद की मेडिकल रिपोर्ट जिनसे से पता चलता है कि उन्हें कभी भी एसटीडी नहीं था और उनका एक योगिक शरीर है जो की यौन कृत्य करने में सक्षम नहीं था | सुश्री रंजीता का महत्वपूर्ण बयान जिनमें कहा गया है कि स्वामी नित्यानंद के साथ उनका विडियो नकली एवं मोर्फ्ड है, इत्यादि |
साजिशकर्ता वर्तमान में चेन्नई की अदालत में स्वामी नित्यानंद के खिलाफ ब्लैकमेल, जबरन वसूली और आपराधिक साजिश के कई मुकदमों का सामना कर रहे हैं।